बड़ौदा कनेक्ट - खुदरा उपयोगकर्ताओं (रिटेल यूजर) के लिए नियम एवं शर्तें

 

1.  परिभाषा:

इस दस्तावेज के निम्नलिखित शब्दों और वाक्याशों का अर्थ यदि संदर्भ से अन्यथा न दर्शाया जाए, उनके सामने दिया गया है:

 

बैंक का आशय बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बॉब), एक बैंकिंग कंपनी से है, जिसका प्रधान कार्यालय, बड़ौदा हाउस, पोस्ट बॉक्स नं. 506, मांडवी बड़ौदा-390 006, गुजरात, भारत में है तथा कार्पोरेट कार्यालय, बड़ौदा कार्पोरेट सेंटर, सी – 26, जी-ब्लॉक, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स बांद्रा (पूर्व) मुंबई- 400051 में जिसमें इसकी शाखा/कार्यालय भी शामिल है, स्थित है.

 

ई- बैंकिंग बैंक की इंटरनेट सेवा है जो अपने खुदरा उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की सेवाएं जैसे खाते की पूछताछ, खाता विवरण, निधि अंतरण, उपयोगी बिल भुगतान, भुगतान रोकिए, चेक बुक जारी करने के लिए अनुरोध, डीडी जारी करने के लिए अनुरोध, अन्य अनुरोध आदि, एलर्टस, वित्तीय मॉडल तथा अन्य सुविधाएं जिन्हें बैंक समय-समय पर उपलब्ध कराने का निर्णय ले, प्रदान करती है.

 

उपयोगकर्ता (यूजर) से आशय किसी ऐसे वैयक्तिक उपयोगकर्ता से है, जो बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का लाभ उठा रहा है और उसे रिटेल उपयोगकर्ता के रूप में निर्धारित किया गया है.

 

खाता से आशय, उपयोगकर्ता (यूजर) का बचत खाता और/अथवा चालू खाता और/अथवा सावधि जमा खाता और/अथवा नकद ऋण, ओवरड्राफ्ट, ऋण खाता और/अथवा बैंक में उपलब्ध किसी अन्य प्रकार के खाते से है, जिसे ई–बैंकिंग सुविधा के अंतर्गत कवर किया जाएगा.

 

शर्तों से आशय ई-बैंकिंग के प्रयोग के लिए नियम एवं शर्तों से है जिनका विस्तृत उल्लेख दस्तावेज में किया गया है.

 

2.  शर्तों की प्रयोजनीयता:

ये शर्तें यूजर और बैंक के बीच संविदा का कार्य करती हैं. प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं का उपयोग करने तथा उन्हें एक्सेस करने के लिए बैंक ऑफ़ बड़ौदा की ई- बैंकिंग के लिए आवेदन कर उपयोगकर्ता इन शर्तों की स्वीकृति तथा पावती देता है. ये शर्तें यूजर के किसी भी खाते से संबंधित नियम एवं शर्तों के अतिरिक्त होंगी न कि किसी कमी के रूप में.

 

3.   क) ई- बैंकिंग के लिए आवदेन:

बैंक अपने विवेकाधिकार से चुनिंदा ग्राहकों को ई-बैंकिंग सुविधा प्रदान कर सकता है. उपयोगकर्ता का मौजूदा विधिवत इंटरनेट उपयोगकर्ता होना आवश्यक है अथवा वह इंटरनेट एक्सेस करता हो और उसे इस बात की जानकारी हो कि इंटरनेट कैसे कार्य करता है. ई-बैंकिंग के लिए आवेदन फार्म को या तो डाउनलोड कर प्रिंट किया जा सकता है या बैंक ऑफ़ बड़ौदा की किसी शाखा से प्राप्त किया जा सकता है. यह आवेदन फॉर्म यूजर द्वारा भरा हुआ तथा विधिवत रूप से हस्ताक्षरित होना चाहिए तथा केंद्रीयकृत ई–बैंकिंग डिवीजन, मुंबई को या बैंक ऑफ़ बड़ौदा की किसी शाखा में प्रस्तुत किया जाएगा. इंटरनेट बैंकिंग के लिए बैंक के निर्धारित आवेदन प्रारूप में अनुरोध प्राप्त होने पर तथा बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित पात्रता मानदंडों की संतुष्टि के अधीन, बैंक द्वारा यूजर को इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस उपलब्ध कराया जाएगा. यूजर ई- बैंकिंग के अलावा किसी अन्य साधन से बैंक के कंप्यूटरों में स्टोर की गई खाता सूचना को एक्सेस करने का प्रयास नहीं करेगा और न ही किसी अन्य को करने देगा. यूजर बैंक के कंप्यूटरों में स्टोर की गई खाता सूचना को, जो उसके खाते से संबंधित नहीं है और/ अथवा गैर कानूनी कार्य के लिए और/ अथवा अनुचित प्रयोजन के लिए, एक्सेस करने का प्रयास नहीं करेगा और न ही किसी अन्य को एक्सेस करने देगा, यदि ऐसा किया जाता है और सिद्ध हो जाता है तो उस पर उचित कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और ई –बैंकिंग की सुविधा वापस ले ली जाएगी.

 

ख) अनुदेश :

बैंक उपयोगकर्ता को ई-बैंकिंग सुविधा के परिचालन हेतु सारे अनुदेश उपलब्ध कराएगा. उपयोगकर्ता भी इस तरह बैंक को दिए गए अनुदेशों की सत्यता तथा प्रामणिकता के लिए उत्तरदायी होगा तथा इसे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का प्रयोग करने के लिए पर्याप्त माना जाएगा. बैंक के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह स्वतंत्र रूप से अनुदेशों का सत्यापन करें और एक बार दिए गए अनुदेशों को तब तक प्रभावी माना जाएगा जब तक कि किसी अगले आदेश द्वारा निष्प्रभावी न कर दिए जाएं. यदि बैंक प्रारम्भिक अनुदेशों के क्रियान्वयन को रोकने में असमर्थ रहता  है या नहीं रोक पाता है तो बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. जहां पर बैंक यह मानता है कि इन आदेशों में सामन्जस्य नहीं है या विरोधाभास है तो वह उपयोगकर्ता से स्पष्टीकरण प्राप्त कर सकता है या ऐसा कर सकता है जिसे वह सही मानता है.

 

4.   सॉफ्टवेयर :

बैंक समय-समय पर इंटरनेट सॉफ्टवेयर जैसे- ब्राउजर, जो ई –बैंकिंग के लिए जरूरी है, की सूचना देगा. इस इंटरनेट सॉफ्टवेयर के सभी वर्जनों को सपोर्ट करने के लिए बैंक बाध्यकारी नहीं होगा. उपयोगकर्ता अपने सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा परिचालन सिस्टम को अपनी लागत पर समय-समय पर अपग्रेड करेगा, बैंक किसी भी हालत में उपयोगकर्ता के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम को समर्थित करने के लिए बाध्य नहीं होगा तथा इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उपयोगकर्ता की रहेगी.

 

5.  संयुक्त खाते:

     निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा खुदरा उपयोगकर्ताओं (रिटेल यूजर) के रूप में ई –बैंकिंग सुविधा प्राप्त की जा सकती है

1) एकल व्यक्ति

     2) संयुक्त खाता धारकों द्वारा स्वयं या दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी या कोई, या उत्तरजीवी या उत्तरजीवी खंड के परिचालन निर्देशों के साथ.

      

वह उपयोगकर्ता जो ई- बैंकिंग सुविधा लेना चाहता है. उसे इस तथ्य के बावजूद भी कि संयुक्त खाता दोनों में से किसी एक व्यक्ति द्वारा या उत्तरजीवी द्वारा या जीवित व्यक्तियों द्वारा या उत्तरजीवी द्वारा संचालित किया जाता है, ई –बैंकिंग खाते को परिचालित करने के लिए अकेले हस्ताक्षरकर्ता को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए प्राधिकृत करना चाहिए. उस ई-बैंकिंग उपयोगकर्ता द्वारा सभी खाताधारकों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित आवश्यक प्राधिकार प्रस्तुत किया जाना चाहिए, जो सामान्य अवधि के दौरान परिचालन निदेशों के अनुसार खाते का संचालन करेगा.

 

उक्त खाते में ई- बैंकिंग के प्रयोग से होने वाले सभी लेन-देन सभी खातेदारों पर संयुक्त रूप से या अलग-अलग रूप से बाध्यकारी होंगे, बैंक किसी भी हालत में खातेदारों खातों में की गई किसी हानि या नुकसान के लिए उत्तरदाई नहीं होगा.

 

 

 6.  नाबालिग के नाम से खाते :

     यदि खाते नाबालिग के नाम से खोले जाते हैं तो नैसर्गिक संरक्षक को खाते के परिचालन के संबंध में सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए और यह भी प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि वह नाबालिग को यूजर आईडी व पासवर्ड नहीं बताएगा, यदि ऐसा किया जाता है तो इसमें जोखिम है और इसके परिणाम संरक्षक को भुगतान होंगे और नाबालिग द्वारा खाता संचालित किए जाने के मामले में बैंक किसी भी हानि और नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. ऐसी घटना में खाता संरक्षक द्वारा परिचालित किया हुआ माना जाएगा.

 

7.  सुरक्षा :

बैंक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खातों की पर्याप्त व समुचित देखभाल करेगा और 128 बिट सिक्योर्ड सॉकेट लेयर के प्रयोग से ई–बैंकिंग सेवा में अनधिकृत एक्सेस को रोकेगा, यह बैंकिंग सेवाओं के लिए सर्वोच्च स्तर की सुरक्षा है.

 

8.  पासवर्ड : 

उपयोगकर्ता बिना किसी शर्त के निम्नलिखित को स्वीकार करता है:-

i) खातेदार का आवेदन अनुमोदित होने पर ग्राहक को ई- बैंकिंग सुविधा के लिए यूजर आईडी तथा पासवर्ड दे दिया जाएगा.

ii) बैंक द्वारा यूजर आईडी तथा पासवर्ड अलग-अलग डाक से ग्राहक द्वारा आवेदन पत्र में दिए गए पते पर भेज दिया जाएगा.

iii) भेजे गए पासवर्ड की जानकारी बैंक स्टाफ को भी नहीं होती है अतः डाक से भेजे यूजर आईडी और पासवर्ड कटी-फटी/नुकसानी हालत में प्राप्त होता है तो ग्राहक को तत्काल बैंक से संपर्क करना चाहिए.

iv) पहली बार ई –बैंकिंग एक्सेस  करते समय उपयोगकर्ता को बैंक द्वारा दिया गया पासवर्ड तुरंत बदल देना चाहिए. उपयोगकर्ता को यह स्वंतत्रता है कि वह अपनी जानकारी एवं परिणामों पर जब भी चाहें तभी अपना पासवर्ड बदल सकता है. बैंक प्राधिकृत उपयोगकर्ता से अलग किसी व्यक्ति द्वारा उक्त पासवर्ड के दुरूपयोग के लिए किसी भी हालत में जिम्मेदार नहीं होगा.

v) बैंक किसी भी हालत में यूजर आईडी/पासवर्ड से अप्राधिकृत प्रयोग/दुरूपयोग के फलस्वरूप होने वाली हानि को रोकने की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है.

vi) यदि उपयोगकर्ता अपना पासवर्ड भूल जाता है तो वह बैंक को इंटरनेट पर या बैंक की शाखा में उपलब्ध प्रारूप में लिखित आवेदन कर दूसरा पासवर्ड प्राप्त कर सकता है. ऐसी बदली को नई संविदा के रूप में नहीं माना जाएगा. ऐसे मामलों में बैंक निर्धारित अवधि के भीतर नया पासवर्ड प्रदान करेगा. तथापि, इस अवधि में कोई लेन-देन नहीं किया जाएगा.

 

9.  प्रभार :

     बैंक यदि ई-बैंकिंग सुविधा के तहत कोई सेवा प्रदान करने के लिए उपयोगकर्ता से प्रभार वसूलने का अधिकार रखता है. उपयोगकर्ता एतद् द्वारा बैंक को निर्धारित अवधि में खाते में नामे कर सेवा प्रभार वसूले करने के लिए प्राधिकृत करता है. तथापि, फिलहाल ई –बैंकिंग सुविधा के लिए कोई सेवा प्रभार नहीं लगाया जाएगा. प्रभार जैसे डीडी पर विनिमय, बैकर्स चेक पर कमीशन, पोस्टेज, कुरियर प्रभार आदि ग्राहक को वहन करने होंगे.

 

10. डाक पता :

बैंक द्वारा सभी पत्रों/ किसी भी अनुदेश की सुपुर्दगी और पत्राचार बैंक में पंजीकृत सामान्य डाक पते और/अथवा ई-मेल आदि पर ही किया जाएगा. बैंक को किसी भी हालत में इनके प्राप्त न होने पर जिम्मेदार नहीं माना जाएगा.

 

11. चेक बुक जारी करना :

उपयोगकर्ता चेक बुक जारी करने के लिए आवेदन कर सकता है तथा बैंक द्वारा इसे आवेदन पत्र में दिए गए पते पर डाक से भेजा जाएगा. कूरियर प्रभार ग्राहक द्वारा वहन किए जाएंगे.

 

12. मांग ड्राफ्ट/बैंकर्स के लिए अनुरोध:

उपयोगकर्ता मांग ड्राफ्ट/बैंकर्स चेक के लिए अनुरोध कर सकता है या बैंक के रिकार्ड में दर्ज अपने डाक पते पर भेजने के लिए अनुरोध कर सकता है. कूरियर /डाक प्रभार डीडी पर विनिमय शुल्क, बैंकर्स चेक पर कमीशन आदि ग्राहक द्वारा वहन किए जाएंगे.

 

13. लेन-देन की प्रकिया :

त्वरित निधि अंतरण की प्रकिया पूरी करने के बाद खाते में सभी निधि अंतरण तुरंत प्रभावी हो जाते हैं. बाद की तारीखों के लिए निर्धारित सभी निधि अंतरण निश्चित तारीखों पर पूरे हो जाते हैं बशर्तें उस तारीख को संबंधित खाते में स्पष्ट शेष राशि उपलब्ध हो.

 

यदि किसी साप्ताहिक अवकाश/छुट्टी/सार्वजनिक अवकाश के दिन अतंरण हेतु पूर्व अनुरोध प्राप्त हो तो इसे अगले कार्य दिवस पर प्रभावी किया जाता है.

 

ग्राहक द्वारा किए गए अनुरोध के बावजूद बैंक को इस आशय का कोई निर्देश प्राप्त न होने की स्थिति में उपयोगकर्ता किसी लेने-देन के अनुरोध को क्रियान्वित न करने के लिए बैंक को उत्तरदायी नहीं बना सकता.

 

14. निधि अंतरण:

     जब तक उपयोगकर्ता के खाते में पर्याप्त शेष राशि न हो अथवा बैंक के साथ नकद साख/ओवरड्राफ्ट के रूप में कोई पूर्व निर्धारित व्यवस्था न हो, तब तक वह ई- बैंकिंग के माध्यम से निधि अंतरण करने का प्रयास नहीं करेगा. बैंक ई –बैंकिंग के माध्यम से प्राप्त निधि अंतरण के अनुरोध को क्रियान्वित करने का प्रयास करेगा बशर्ते उपयोगकर्ता के खाते में पर्याप्त शेष राशि उपलब्ध हो.

 

     बैंक के युक्तिसंगत नियंत्रण के बाहर की परिस्थितियों के कारण निधि अंतरण न होने की स्थिति में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा.

 

 

15. बिल भुगतान :

उपयोगकर्ता के खाते में निर्धारित तिथि पर बिल भुगतान के लिए पर्याप्त धन राशि उपलब्ध होनी चाहिए. खाते में अपर्याप्त धन राशि होने अथवा बैंक के युक्ति संगत नियंत्रण के बाहर की परिस्थितियों के कारण भुगतान न होने की स्थिति में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा. इसमें कनेक्टिविटी, कंप्यूटर खराब होने, संचार लिंक उपलब्ध न होने आदि जैसी तकनीकी समस्याएं शामिल हैं.

 

निर्धारित समय के अंदर उपयोगकर्ता के बिल भुगतान न होने की कोई भी जिम्मेदारी बैंक की नहीं होगी तथा उपयोगकर्ता को ही किसी भी प्रकार की ब्याज राशि, दंड राशि अथवा अन्य ऐसे प्रभारों का भुगतान करना होगा. इसके अलावा बैंक किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. सभी प्रकार के विवाद जैसे अधिक बिल प्राप्त होना, सेवाओं अथवा सुविधाओं को बंद करना, गलत जमा और नामे आदि का समाधान उपयोगकर्ता को स्वयं ही करना होगा और बैंक किसी भी रूप में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

 

16. बैंक को प्राधिकार :

उपयोगकर्ता के खाते में ई- बैंकिंग के माध्यम से लेन-देन की अनुमति तभी मिलती है जब उपयोगकर्ता की यूजर आइडी और पासवर्ड का अधिप्रमाणन हो जाता है. उपयोगकर्ता, बैंक को अपने खाते में उसके द्वारा ई- बैंकिंग के जरिए किए जाने वाले संव्यवहार को क्रियान्वित करने हेतु स्पष्ट प्राधिकार प्रदान करता है. उपयोगकर्ता द्वारा ई- बैंकिंग के जरिए किए गए किसी भी लेने-देन अथवा यूजर आईडी और ई- बैंकिंग के माध्यम से किए गए प्रतीत होने वाले किसी भी लेन-देन के सत्यापन अथवा अधिप्रमाणन की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होगा.

 

ई- बैंकिंग सुविधा के गैर कानूनी अथवा अनुचित उपयोग की स्थिति में उपयोगकर्ता को बैंक द्वारा निर्धारित वित्तीय प्रभार का भुगतान करना होगा अन्यथा ई- बैंकिंग के माध्यम से उपलब्ध सभी परिचालन सुविधाएं बंद कर दी जाएगी.

 

ई- बैंकिंग परिचालन के समय उपयोगकर्ता द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना का प्रदर्शित होना या उसकी मुद्रित प्रति इंटरनेट लेन-देन को प्रमाणित करते हैं.

 

17. सूचना की सत्यता :

ई- बैंकिंग के प्रयोग के जरिए अथवा किसी अन्य माध्यमों, जैसे इलेक्ट्रॉनिक मेल अथवा लिखित सूचना के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी सूचना की सत्यता की जिम्मेदारी उपयोगकर्ता की होगी. उपयोगकर्ता द्वारा त्रुटिपूर्ण सूचना उपलब्ध कराने पर होने वाली किसी भी हानि की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होगा. उपयोगकर्ता को, आवधिक अंतराल पर दिए गए विवरणों की सत्यता की जांच करनी चाहिए और यदि कोई कमी हो तो उसे दूर करने हेतु बैंक को सूचित करना चाहिए. तथापि, बैंक किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं स्वीकार करता है.

 

विवरणों के सभी आउटपुट खाते की द्वितीयक विवरणी होती हैं. ये इलेट्रॉनिक रूप से तैयार किए जाएंगे तथा उनमें निहित सूचनाएं बैंक द्वारा अनुरक्षित कंप्यूटररीकृत बैक-अप सिस्टम से ली जाती हैं. वैसे तो बैंक विवरणों की सत्यता सुनिश्चित करने हेतु सभी संभव उपाय करेगा किंतु बैंक किसी त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. यदि उपरोक्त आउटपुट में शामिल कोई सूचना असत्य /गलत पायी जाती है और उसके कारण उपयोगकर्ता को कोई हानि, क्षति आदि होती है तो उपयोगकर्ता उसके लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराएगा.

 

 

18. उपयोगकर्ता की देयता :

यदि उपयोगकर्ता ने शर्तों का उल्लघंन किया हो या निम्नलिखित असावधानीपूर्ण आचरणों के कारण उसे हानि हुई हो तो उसकी जिम्मेदारी उपयोगकर्ता की ही होगी:

 

ई- बैंकिंग पासवर्ड का लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड रखना.

 

किसी नाबालिग, बैंक स्टाफ सहित किसी को भी ई- बैंकिंग पासवर्ड बताने अथवा उसकी गोपनीयता बनाए रखने हेतु सभी संभव उपाय न करना और /अथवा युक्ति संगत /निश्चित अवधि में बैंक को इस संबंध में सूचित करने में असफल रहना.

 

ई- बैंकिंग खाते में अनधिकृत या त्रुटिपूर्ण लेन –देन की घटना की जानकारी बैंक को निश्चित /युक्तिसंगत अवधि में सूचित न करना.

 

यदि प्राकृतिक आपदा, बाढ़, आग तथा अन्य तरह की प्राकृतिक आपदाएं, कानूनी अड़चनें, दूरसंचार व्यवस्था में गड़बड़ी अथवा इंटरनेट या नेटवर्क की समस्या, बिजली या यूपीएस की खराबी, सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर की खराबी या गड़बड़ी अथवा कोई अन्य युक्तिसंगत कारण जो बैंक के नियंत्रण के बाहर हो, की वजह से यदि ई- बैंकिंग सुविधा उपयोगकर्ता के मनोनुकूल न हो तो वह बैंक को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगा.

 

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए “साइबर संबंधी अपराधों” की परिभाषा के अंतर्गत शामिल कारणों के तहत उपयोगकर्ता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसके खाते के दुरूपयोग किए जाने की वजह उसे होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति या हानि के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा. बैंक किसी भी प्रकारकी क्षति के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. चाहे वह क्षति प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, प्रासंगिक या परिणामतः हो तथा भले ही राजस्व हानि, निवेश, उत्पादन, सुनाम, लाभ, व्यावसायिक व्यवधान अथवा अन्य प्रकार की हानि तथा उपयोगकर्ता या किसी अन्य व्यक्ति को हुई किसी भी प्रकार की हानि के आधार पर कोई दावा किया गया हो.

 

19. क्षतिपूर्ति:

     उपयोगकर्ता बैंक को होने वाली किसी भी क्षतिपूर्ति के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा तथा सभी कार्रवाईयों, दावों, मांगों, कार्यवाहियों, हानि, क्षति, दंड प्रभार तथा खर्चों के लिए उत्तरदायी होगा जो बैंक को उपयोगकर्ता द्वारा ई – बैंकिंग सुविधा के प्रयोग के फलस्वरूप किसी भी कारण की वजह से सहन करना पड़े अथवा, यदि उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए किसी अनुदेश पर बैंक अच्छी नीयत एवं विश्वास के आधार पर उस पर कोई कार्रवाई न करे अथवा कार्रवाई करने से मना कर दें.

 

20. व्यक्तिगत सूचना का प्रकटीकरण :

उपयोगकर्ता यह सहमति प्रदान करता है कि बैंक सांख्यिकीय विश्लेषण तथा क्रेडिट स्कोरिंग के उद्देश्य के साथ-साथ ई- बैंकिंग सेवाओं के लिए उसकी व्यक्तिगत सूचनाओं को, जो कंप्यूटर पर हो अथवा अन्यथा रूप में उपलब्ध हो, अपने पास रख सकता है तथा उसकी प्रोसेसिंग कर सकता है. उपयोगकर्ता इस बात के लिए भी सहमति प्रदान करता है कि बैंक गोपनीय तरीके से अन्य संस्थानों को ऐसी व्यक्तिगत सूचनाएं उपलब्ध करा सकता है बशर्तें उसकी आवश्यकता तर्कसंगत हों तथा उसमें निम्नलिखित, किंतु उसके अलावा भी, कारण शामिल हो सकते हैं :

·        दूरसंचार या इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन नेटवर्क में प्रतिभागिता

·        कानून/निदेशों का अनुपालन

·        मान्य क्रेडिट रेटिंग /स्कोरिंग एजेंसियों द्वारा क्रेडिट रेटिंग

·        धोखाधड़ी की रोकथाम के उद्देश्य के लिए

 

21. बैंक का ग्रहणाधिकार :

उपयोगकर्ता को उपलब्ध करायी गयी ई –बैंकिंग सेवा के परिणामस्वरूप उस पर देय बकाया राशियों की सीमा तक, उपयोगकर्ता के खाते में, चाहे वह एकल अथवा सयुंक्त नाम पर हो, उपलब्ध वर्तमान अथवा भविष्य की जमाराशियों पर, राइट ऑफ सेट ऑफ तथा ग्रहणाधिकार का अधिकार बैंक के पास उपलब्ध होगा. भले ही उस पर कोई अन्य ग्रहणाधिकार अथवा प्रभार लागू हो.

 

22. मालिकाना अधिकार:

उपयोगकर्ता यह स्वीकार करता है कि ई- बैंकिंग सेवा, साथ ही साथ ई- बैंकिंग एक्सेस करने के लिए लगने वाले अन्य इंटरनेट से जुड़े सॉफ्टवेर पर संबन्धित वेंडर का वैधानिक अधिकार बैंक द्वारा ई- बैंकिंग एक्सेस करने की अनुमति से उपरोक्त सॉफ्टवेरों के मालिकाना अधिकार में कोई परिवर्तन नहीं होगा. उपयोगकर्ता को उक्त प्रोग्राम को बदलने /छेड़छाड़ करने अथवा उसके साथ प्रयोग करने की अनुमति नहीं होगी. इस संबंध में उपयोगकर्ता द्वारा किए गए किसी भी उल्लंघन के संबंध में उपयुक्त कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी तथा उपयोगकर्ता बैंक को होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

 

     उपयोगकर्ता द्वारा ई- बैंकिंग संबंधी सॉफ्टवेर को संशोधित, परिवर्तित, विघटित, असमेकित अथवा रिवर्स नहीं किया जाएगा और न ही इसके आधार पर कोई डेरिवेटिव उत्पाद तैयार किया जाएगा.

 

23. नियम एवं शर्तों में बदलाव:

बैंक के पास उपयोगकर्ता को बिना कोई पूर्व सूचना दिए किसी भी नियम एवं शर्त में अपने पूर्ण विवेक के आधार पर बदलने का अधिकार होगा. बैंक की वेबसाइट पर ऐसे किए गए बदलाव उपलब्ध रहेंगे. ग्राहकों से अनुरोध है कि वे इसे समय समय पर देखते रहें. सेवा की भावी एवं मौजूदा उपयोगकर्ताओं से अनुरोध है कि वे इसमें शामिल नियम एवं शर्तों से अवगत हो लें ताकि बैंक द्वारा समय-समय पर योजना में किए जाने वाले बदलावों, सुधारों और /अथवा संशोधनों की उन्हे जानकारी मिल सके. बैंक द्वारा ई-बैंकिंग के तहत समय-समय पर नई सेवाओं की शुरुआत की जा सकती है. नए प्रकार्यों की स्थिति एवं उपलब्धता बैंक की वेबसाइट पर ऐसी अन्य ई- बैंकिंग सेवा पर लागू, संशोधित, परिवर्तित नियम एवं शर्तों के साथ प्रदर्शित होगी. इन सेवाओं के इस्तेमाल का यह तर्क लगाया जाएगा कि उपयोगकर्ता लागू नियम एवं शर्तों से बाध्यकर होने को सहमत है.

 

24. गैर- अंतरणीयता:

उपयोगकर्ता को प्रदान की गई ई- बैंकिंग सुविधा किसी भी स्थिति में अंतरणीय नहीं है तथा इसका इस्तेमाल केवल उपयोगकर्ता द्वारा किया जाएगा और वह ही इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार होगा.

 

25. ई-बैंकिंग रद्द/ समाप्त करन:

उपयोगकर्ता बैंक को उचित नोटिस देकर किसी भी समय ई-बैंकिंग सुविधा को बंद कराने के लिए अनुरोध कर सकता है. ऐसे अनुरोध को प्राप्त करने के बाद बैंक द्वारा यथा सूचित ई-बैंकिंग सेवा के ऐसे रद्दीकरण के समय से पूर्व ई-बैंकिंग के माध्यम से उसके खाते में किए गए किसी भी लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता जिम्मेदार होगा. बैंक किसी भी समय ई-बैंकिंग सेवा को बंद कर सकता है बशर्ते उपयोगकर्ता को उचित सूचना दी हो. उपयोगकर्ता के सभी खातों को बंद करने से ई-बैंकिंग सेवा स्वत: ही बंद हो जाएगी. यदि उपयोगकर्ता इन नियम एवं शर्तों को तोड़ता है अथवा बैंक को उपयोगकर्ता की मृत्यु, दिवालियापन अथवा कानूनी अक्षमता की सूचना मिलती है, तो बैंक बिना किसी पूर्व सूचना के ई-बैंकिंग सुविधा को निलंबित अथवा समाप्त कर सकता है.  

 

26. सूचना (नोटिस):

नियम एवं शर्तों के अंतर्गत बैंक तथा उपयोगकर्ता नोटिस दे सकते हैं:

 

·         एक दूसरे के मेलबॉक्स में इलैक्ट्रानिक रूप से. ऐसा नोटिस लिखित रूप में दिया गया समझा जाएगा.

 

·          उपयोगकर्ता द्वारा अंतिम बार दिए गए पते पर उसे डाक द्वारा या व्यक्तिगत सुपुर्दगी द्वारा उसे लिखित रूप में भेजकर.

 

इसके अतिरिक्त, बैंक अपनी वेबसाइट पर सामान्य रूप से नोटिस प्रकाशित भी कर सकता है, जो ई-बैंकिंग के सभी उपयोगकर्ताओं पर लागू है. ऐसा नोटिस उसी रूप में प्रभावी होगा मानो कि सभी उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से नोटिस दिया गया हो और अथवा वह प्रिंट मिडिया के समाचारपत्र में प्रकाशित नोटिस हो.

 

27. नियंत्रक कानून:

नियम एवं शर्तें और/अथवा बैंक में रखे गए उपयोगकर्ता के खातों में परिचालन और/अथवा ई-बैंकिंग के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई सेवाओं का उपयोग भारत में प्रचलित यथोचित कानून के अधीन होगा न की किसी अन्य देश के. इन नियम एवं शर्तों के अंतर्गत उत्पन्न हुए किसी मामले अथवा दावे के संबंध में उपयोगकर्ता तथा बैंक मुंबई, भारत में स्थित न्यायालय के अनन्य अधिकार क्षेत्र में उपस्थित होने के लिए सहमत हैं.

  

बैंक अथवा उपयोगकर्ता के बीच उत्पन्न कोई विवाद अथवा मतभेद आपसी परामर्श/ बातचीत से निपटाया जाएगा ऐसा न होने पर उसे मध्यस्थता में भेजा जाएगा. मध्यस्थता कार्यवाही भारतीय विवाचन और समाधान अधिनियम, 1996 के अधीन होगी और इसी के अनुसार की जाएगी और यह मध्यस्थता कार्यवाही मुंबई में की जाएगी.

 

बैंक भारतीय गणतंत्र के अलावा किसी भी देश के कानून के तोड़ने अथवा गैर-अनुपालन के लिए, प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष, किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करता. वास्तविकता केवल यह है कि ई-बैंकिंग सेवा भारत के अलावा अन्य देश में उपयोगकर्ता द्वारा इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस की जा सकती है उसे इस रूप में नहीं समझा जा सकता कि उस देश का कानून इन नियम एवं शर्तों और/अथवा उपयोगकर्ता के खातों में परिचालन और/अथवा ई-बैंकिंग के उपयोग को नियंत्रित करेगा. भारत के अलावा किसी अन्य स्थान से किसी व्यक्ति द्वारा ई-बैंकिंग सुविधा का उपयोगकर्ता स्थिति को नहीं बदलेगा और वह उपयोगकर्ता स्वयं को भारतीय गणतंत्र के कानून के अधीन समझेगा.

 

28. सामान्य:

इस समझौते में खंड के शीषर्क केवल सुविधा के लिए हैं और संबंधित खंड के अर्थ को प्रभावित नहीं करते. उपयोगकर्ता इस समझौते को किसी अन्य के लिए निर्दिष्ट नहीं कर सकते.

 

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